Thursday, August 27, 2015

रमण रेती: यहां कृष्ण के चरण रज की अनुभूति होती है...

व्रजमंडल की पूरी भूमि श्री कृष्ण की लीला और चरणों से पावन है। इसी भूमि एक स्थान ऐसा है जहां भगवान श्री कृष्ण ने ग्वाल बालों के साथ गौएं चराई थी और रेत के मैदान में मित्रों के साथ लोट-पोट हुए थे। इस पावन भूमि का नाम रमण रेती है।

यह रमणीक स्थान मथुरा और महावन के बीच पड़ता है। इस स्थान पर रमण बिहारी जी का मंदिर है। माना जाता है कि संत रसखान ने यहां तपस्या की थी। यहां इनकी समाधि भी बनी हुई है।

रमण बिहारी जी के प्राचीन मंदिर के जर्जर होने के कारण नए मंदिर में रमण बिहारी जी को विराजमान किया गया है। मंदिर राधा कृष्ण की अष्टधातु की मूर्ति है। भक्तगण इनके दर्शन से पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं।

1978 में आए बाढ़ से पहले रमण रेती में रेत ही रेत हुआ करता था। इस रमणीक वन में कदंब और पीपल के वृक्ष शोभा पाते थे। किसी समय इस वन में एक सिद्घ संत आत्मानंद गिरि आए। माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने इन्हें साक्षात् दर्शन दिए। इसलिए यह स्थान सिद्घ स्थान माना जाता है।

यहां आने वाले दर्शनार्थी रमण रेती की मिट्टी से तिलक करके श्री कृष्ण के चरण रज को माथे से लगाने की अनुभूति करते हैं।


Raman reti Aashram, Gokul
Deer Park, Raman reti Aashram, Gokul
Raman reti Aashram, Gokul
Raman reti Aashram, Gokul
Raman reti Aashram, Gokul
Family photo at Raman roti Aashram 
Modern Banaprastha Aashram ra pratikruti
Modern Banaprastha Aashram ra pratikruti
Shri Krishna Balya Leela Smarana re...
Priya Bhakta brunda...
Memorable moments...


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